
छाया : स्वाति तिवारी के एफबी अकाउंट से
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साहित्य
प्रमुख लेखिकाएं
स्वाति तिवारी
• पूर्णिमा दुबे
हिन्दी की जानी-मानी कथाकार स्वाति तिवारी का जन्म धार ज़िले के शिक्षक परिवार में 17 फरवरी 1960 को हुआ। उनके पिता दीनानाथ व्यास और मां पुष्पावती व्यास – दोनों ही हायर सेकंडरी स्कूल में व्याख्याता थे। स्वाति जी की प्रारंभिक शिक्षा धार और मनावर में हुई। उन्होंने प्राणिकी विषय में एमएससी, एलएलबी, एमफिल एवं पीएचडी किया। चूंकि पिता हिन्दी पढ़ाते थे तो स्वाभाविक रूप से घर में साहित्यिक वातावरण था। आमतौर पर जिस उम्र में बच्चों को साहित्य शब्द का सही मतलब भी नहीं मालूम होता, उस उम्र में स्वाति जी टैगोर से लेकर शेक्सपियर जैसे अनेक देशी-विदेशी लेखकों को पढ़-सुन चुकी थीं।
स्वाति जी की रचनाओं को देश-प्रदेश की सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में वरीयता प्राप्त हुई है। उन्होंने लेख, कहानी, व्यंग्य, समीक्षा, रिपोर्ताज, यात्रा संस्मरण, कविताएं, साहित्य की हर विधा पर कलम चलाई। आकाशवाणी, दूरदर्शन और निजी टीवी चैनल में भी उनकी रचनाओं का प्रसारण किया गया। परिवार परामर्श केंद्रों पर केंद्रित लघु फिल्म ‘घरौंदा ना टूटे’ और कला जगत के अमिट हस्ताक्षर विष्णु चिंचालकर पर केंद्रित फिल्म का निर्माण, संपादन एवं पटकथा लेखन भी स्वाति जी ने किया है। उनकी 25 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, जिनमें वृद्धावस्था के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर आधारित ‘अकेले होते लोग’ और गैस त्रासदी पर आधारित ‘सवाल आज भी जिंदा हैं’ उल्लेखनीय हैं। उनका उपन्यास ‘ब्रह्मकमल’ एक प्रेमकथा’ वर्ष 2015 में ज्ञानपीठ पाठक सर्वे में श्रेष्ठ उपन्यास की श्रेणी में नामांकित हुआ था। भारत की सौ वुमन अचीवर्स में चयनित होकर वे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित की गईं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रदेश की जनजातीय विरासत, विकास और सफलता की गाथाओं पर केंद्रित पुस्तक ‘बानगी’ का विमोचन किया। इस पुस्तक का संपादन स्वाति जी ने किया है। इससे पहले वे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में महिला परिशिष्टों और स्तम्भों का संपादन कर चुकी हैं, जैसे सुरभि (दैनिक चौथा संसार 1996 से 2004 तक), घरबार (दैनिक चेतना), चर्चित स्तंभ लेखन हमारे आस पास (दैनिक भास्कर 1996 से 2006 तक), महिलाएं और कानून (दैनिक फ्री प्रेस, अंग्रेज़ी), आख़िरी बात (चौथा संसार), आठवां कॉलम और अपनी बात (चेतना)। वे साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका ‘दूसरी परम्परा’ के संपादन के साथ भी सक्रियता से जुड़ी हैं।स्वाति जी इंदौर लेखिका संघ की संस्थापक अध्यक्ष हैं और दिल्ली लेखिका संघ की सचिव रही हैं। लेखन के अलावा बागवानी, फोटोग्राफी, वर्ड वाचिंग, स्टोरी टेलिंग का शौक भी बखूबी जीती हैं। विज्ञान लेखन में भी रुचि है। रवीन्द्रनाथ टैगोर वि.वि. ने उनकी किताब ‘भोपाल के पक्षी’ प्रकाशित की है तथा विज्ञान लेखक के रूप में उन्हें सम्मानित भी किया है।
स्वाति जी का विवाह 14 फरवरी 1980 में श्री सुरेश तिवारी से हुआ, जो आगे चलकर संचालक- जनसंपर्क विभाग तथा अतिरिक्त प्रबंध संचालक मप्र माध्यम से के पद पर आसीन हुए। उनकी दो बेटियों में से एक तिवारी जी द्वारा स्थापित न्यूज़ पोर्टल मीडियावाला की प्रबंधक/संपादक है तो दूसरी बायोमेडिकल इंजीनियर है, वह राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित वैज्ञानिक हैं। जबकि बेटा गूगल में अमेरिका में साफ्टवेयर इंजीनियर है। वर्तमान में स्वाति जी प्रदेश के आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक नियोजन अधिकारी पद पर कार्यरत हैं।
उपलब्धियां:
शोधकार्य
- महिलाओं पर पारिवारिक अत्याचार एवं परामर्श केन्द्रों की भूमिका प्राथमिक शिक्षा के लोकव्यापीकरण में राजीव गांधी शिक्षा मिशन की भूमिका
- अकेले होते लोग – वृद्धावस्था पर मनोवैज्ञानिक दस्तावेज
- सवाल आज भी जिन्दा हैं : भोपाल गैस त्रासदी एवं स्त्रियों की सामाजिक समस्याएं
प्रकाशित कृतियां
कहानी संग्रह
- “क्या मैंने गुनाह किया’
- “विश्वास टूटा तो टूटा’
- “हथेली पर उकेरी कहानियां’
- “छ जमा तीन”
- “मुड़ती है यूं ज़िन्दगी
- “मैं हारी नहीं’
- “जमीन अपनी-अपनी’
- “बैगनी फूलों वाला पेड़’
- “स्वाति तिवारी की चुनिंदा कहानियां”
अन्य महत्वपूर्ण प्रकाशन
- वृद्धावस्था के मनोवैज्ञानिक विश्लेषण पर केन्द्रित दस्तावेज – “अकेले होते लोग’
- “महिलाओं के कानून से संबंधित महत्वपूर्ण पुस्तक “मैं औरत हूं मेरी कौन सुनेगा’
- व्यक्तित्व विकास पर केंद्रित पुस्तक “सफलता के लिए’
- देश के जाने-माने पत्रकार स्व.प्रभाष जोशी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक “शब्दों का दरवेश’ (महामहिम उप राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी द्वारा 16 जुलाई 2011 को विमोचित)
उपलब्धियां
- “अकेले होते लोग’ पुस्तक (वर्ष 2008-09) के मौलिक लेखन पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली द्वारा रु.80 हज़ार का राष्ट्रीय पुरस्कार
- वर्ष 2010 में “स्वाति तिवारी की चुनिन्दा कहानियाँ’ पर मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा 22/01/12 को वागीश्वरी सम्मान (छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के कर कमलों द्वारा)
- वर्ष 2011 में “बैंगनी फूलोंवाला पेड़’ कहानी संग्रह पर प्रकाश कुमारी हरकावत महिला लेखन पुरस्कार, (मध्यप्रदेश के राज्यपाल के कर कमलों द्वारा)
- देश की शीर्षस्थ पत्रिका “द संडे इंडियन’ द्वारा देश की चयनित 21वीं सदी की 111 लेखिकाओं में प्रमुखता से शामिल
- वर्ष 2012 में “अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण
- वर्ष 2013 में मप्र साहित्य अकादमी द्वारा सुभद्रा कुमारी चौहान प्रादेशिक पुरस्कार
- वर्ष 2014 में अखिल भारतीय गजानन माधव मुक्तिबोध सम्मान
- अभिनव कला परिषद, भोपाल द्वारा लब्ध प्रतिष्ठित पत्रकार पं. रामनारायण शास्त्री स्मृति कथा पुरस्कार
- जाने-माने रिपोर्टर स्व. गोपीकृष्ण गुप्ता स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार (श्रेष्ठ रिपोर्टिंग के लिए)
- शब्द साधिका सम्मान (पत्रकारिता पुरस्कार)
- निर्मलादेवी स्मृति साहित्य सम्मान, गाज़ियाबाद
- पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में अनुपम उपलब्धियों के लिए स्व. माधवराव सिंधिया प्रतिष्ठा सम्मान
- हिन्दी प्रचार समिति, ज़हीराबाद (आन्ध्रप्रदेश) द्वारा सेवारत्न की मानद उपाधि
- पं. आशाकुमार त्रिवेदी स्मृति मालवा-भूषण सम्मान
- मप्र लेखक संघ द्वारा स्थापित देवकीनंदन साहित्य सम्मान
- अंबिकाप्रसाद दिव्य रजत सम्मान
- भारतीय दलित साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश का सावित्रीबाई फुले साहित्य रत्न सम्मान
- ‘सवाल आज भी ज़िन्दा है’ पर लाड़ली मीडिया सम्मान
- वर्ष 2019 में पाथेय साहित्य कला अकादमी जबलपुर द्वारा समग्र लेखन पर पंचम गायत्री देवी तिवारी सम्मान
- मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति का वाङ्गमय सम्मान
विशेष
कुरुक्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, देवी अहिल्या वि.वि. इंदौर, चेन्नई वि.वि., जवाहरलाल नेहरू वि.वि. नई दिल्ली में कहानियों पर पीएचडी एवं एमफिल के शोधार्थियों द्वारा शोध कार्य, मैसूर में 02 से 04 अक्टूबर, 2011 तक राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एवं मैसूर विश्वविद्यालय द्वारा “सुशासन और मानव अधिकार” पर आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार में शोध पत्र का वाचन, माण्डव में 5 से 7 नवम्बर, 2011 को देश के शीर्षस्थ कथाकारों के संगमन 17 में भागीदारी, वुमन राइटर्स गिल्ड आफ इंडिया (दिल्ली लेखिका संघ) की सचिव (वर्ष 07 से 09), इंडिया वुमन प्रेस कॉर्प्स, नई दिल्ली की आजीवन सदस्य, दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित विश्व हिन्दी सम्मेलन 2012 में मप्र शासन का प्रतिनिधित्व
संदर्भ स्रोत: स्वाति जी से बातचीत और शब्दांकन डॉट कॉम
लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं ।
© मीडियाटिक
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