
छाया : हिंद न्यूज़ सर्विस
प्रेरणा पुंज
अपने क्षेत्र की पहली महिला
मध्यप्रदेश की पहली एवं इकलौती महिला मुख्यसचिव निर्मला बुच
महिला चेतना मंच और महिला विकास अध्ययन केंद्र, दिल्ली की आजीवन सदस्य एवं वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती निर्मला का जन्म 11 अक्टूबर,1925 को उत्तर प्रदेश के खुर्जा जिले में हुआ। स्त्रियों के साथ हो रहे अन्याय का तीव्र प्रतिकार करने वाली निर्मला ने 1955 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य,दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान विषय के साथ बी.ए. करने के बाद इसी विश्वविद्यालय से 1957 में अंग्रेजी साहित्य विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की। ज्ञान साधक निर्मला को एक वर्ष (1969-70), एमपीए प्रोग्राम की पढ़ाई के लिए फेलोशिप प्रिंसटन विश्वविद्यालय की ओर से प्रदान गया । अत्यधिक अध्ययनशील निर्मला ने 1957, 1959 में जर्मन और फ्रेंच भाषा में दो साल का डिप्लोमा भी किया।
प्रखर बौद्धिक निर्मलाजी का फिर आईएएस में चयन हुआ। 1960 में मंसूरी से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनकी पहली पदस्थापना 1961 में जबलपुर में हुई। यहीं उन्हें असंख्य महिलाओं की संरक्षक एवं मार्गदर्शक बनने का अवसर मिला। स्वयं को ही रोल मॉडल मानकर निर्मला यादव ने महिलाओं को मानसिक गुलामी से मुक्त कर स्वावलम्बी बनाने का बीड़ा उठाया। महिलाओं में चेतना जागृत करने के उद्देश्य से महिला चेतना मंच की स्थापना की। महिला कर्मचारियों के आर्थिक स्वावलम्बन और उनके बच्चों की देखभाल के लिए उन्होंने जो कार्य किया, कृतज्ञ महिलाएं उसे आज भी याद करती हैं। 1961 से 1993 तक मध्य प्रदेश एवं भारत सरकार के विभिन्न विभागों के प्रशासन एवं प्रबंधन के पदों को उन्होंने सुशोभित किया। महिलाओं की गरिमा की अनथक संरक्षक, सादगी और स्वच्छन्दता पसंद निर्मला यादव जब देवास में कलक्टर थीं, पड़ोसी जिले उज्जैन के कलेक्टर एमएन बुच के प्रतिभाशाली व्यक्तित्व से इतनी प्रभावित हुईं कि दोनों परिणय सूत्र में बंध गए। उनका एक पुत्र है।
प्रशासनिक पदों पर रहते हुए निर्मलाजी ने सरकार और गैर सरकारी संगठनों को साथ मिलकर शोध, प्रबंधन और निर्बल समाज को ताकत देने की लगातार वकालत की। वे मध्य प्रदेश सरकार में 1975-77 तक वित्त सचिव एवं शिक्षा सचिव तथा 1991-1992 मेंं मुख्य सचिव के पद पर रहीं। इन पदों पर रहते हुए उन्होंने प्रदेश के विकास का जो मॉडल तैयार किया, वह मील का पत्थर साबित हुआ। श्रीमती बुच भारत सरकार के योजना आयोग में 1988-89 में सलाहकार रहीं । 1993 में ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव की हैसियत से विकास परियोजनाओं का सुचारू रूप से प्रबंधन किया। 1978-81 तक महिलाओं के लिए बनी राष्ट्रीय महिला समिति की प्रमुख का पदभार संभाला। प्रमुख सचिव के रूप में मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास में पंचायती राज की रूप रेखा तैयार की। जो महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में पहला कदम था।
1994-95 में भारत सरकार की सार्वजनिक उद्यमों के चयन बोर्ड की सदस्य के रूप में उन्होंने बोर्ड की संगठनात्मक संरचना को अंजाम दिया। कार्य के निष्पादन के लिए शीर्ष प्रबंधन व्यवस्था, जिसमें स्तरीय और कुशल प्रबंधक, अध्यक्ष, निदेशक एवं कार्यकारी निदेशकों का चयन किया।
उनकी दक्षता और क्षमता को देखते हुए गुजरात सरकार ने उन्हें 1996 में अपना सलाहकार नियुक्त किया। 1997-2000 तक भारत सरकार के राष्ट्रीय पर्यावरण अपीलीय प्राधिकरण की उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए उन्होंने शुद्ध पर्यावरण का प्रारूप तैयार किया। वहीं भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन महेश्वर पनबिजली परियोजना के पुर्नवास निगरानी समिति की प्रमुख की हैसियत से पुर्नवास की व्यवस्था सुचारू रूप से की। वे भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय में विशेष सलाहकार हैं। 1998 से श्रीमती बुच अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर राष्ट्रीय महिला कोष को प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य कर रही हैं। अभी तक महिलाओं के आर्थिक-सामाजिक दशा सुधारने में यह कोष करीब 17 राज्यों में प्रभावी ढंग से संचालित है। प्रदेश की महिला नीति बनाने और उसे लागू करवाने में भी श्रीमती बुच की अहम भूमिका है। यूएनडीपी प्रोजेक्ट के तहत उन्होंने पांच राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान,मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की महिलाओं की नेतृत्व क्षमता विकास के लिए कार्य किया। सुश्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री बनने पर श्रीमती बुच को अपना सलाहकार नियुक्त किया। निर्मला जी ने कई पुस्तकों का संपादन भी किया है। इनमें सन् 2000 में प्रकाशित समाज विज्ञान संस्था, नई दिल्ली की ओर से अवधारणा पुस्तिका ‘भारत के राज्य और संघ राज्य में पंचायती राज की स्थिति’, मध्यप्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रकाशित ‘महिला कल्याण नीति’, ‘पंचायत में दो बच्चों के लिए आदर्श कानून’ की अवधारणा शामिल है।
उपलब्धियां
- 1978 में इराक की राजधानी बगदाद में आयोजित गुट निरपेक्ष महिला सम्मेलन की तैयारी बैठक में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व
- 1980 में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से कोपनहेगन में आयोजित महिला सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व
- 1982 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आयोजित महिलाओं के सम्मेलन में स्वास्थ्य संबंधी शोध पत्र का वाचन
- 1987 में हेग में आयोजित ‘कृषि में महिलाएं’ सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व
- 1989 में नैरोबी में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से आयोजित महिलाओं के सम्मेलन में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व
- 1993 में संयुक्त राष्ट्र संघ की गरीबी को मिटाने संबंधित समिति में भारत की ओर से शामिल होने वाले दल का प्रतिनिधित्व
- 1993 में जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में रोजगार निर्माण संबंधी अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ग्रामीण विकास एवं अनौपचारिक क्षेत्र संबंधी दो शोध पत्र का वाचन
- बांग्लादेश की राजधानी ढाका में ‘विकास में महिलाओं की भूमिका’ विषय से संबंधित सम्मेलन का प्रतिनिधित्व
- क्यूबा की राजधानी हवाना में महिलाओं से संबंधित गुट निरपेक्ष सम्मेलन का प्रतिनिधित्व
- 1979 में दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से आयोजित सम्मेलन में भाग लिया
- 1998 में कनाडा, टोरंटो और ओटाबा शहर में ‘उभरते नेतृव में महिलाओं की भूमिका’ सम्मेलन का प्रतिनिधित्व
- 1999 में कनाडा में आयोजित भू-मण्डलीकरण के दौर में संघीय ढांचे पर विचार सम्मेलन का प्रतिनिधित्व
- 2000 में मेक्सिको में आयोजित संघवाद सम्मेलन में हिस्सेदारी
- 2002 में प्रजातांत्रिक व्यवस्था में विश्वव्यापी एकजुटता के सिद्धांत को बढ़ाने के लिए दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित बैठक में भाग लिया
संदर्भ स्रोत -मध्यप्रदेश महिला संदर्भ
और पढ़ें
- शकीला-बानो-भोपाली -दुनिया की पहली महिला कव्वाल/
- प्रमिला-तिवारी मध्यप्रदेश की पहली महिला खेल पत्रकार
- रेडियो सीलोन में प्रदेश की पहली उद्घोषक शीला-तिवारी
- उड़ान-का-लायसेंस-पाने-वाली/
- देश-की-पहली-महिला-कमेंटेट
- देश-की-पहली-महिला-मानवविज
- संगीत में डॉक्टरेट हासिल करने वाली पहली महिला डॉ सुमति मुटाटकर
- विज्ञान में पीएचडी करने वाली पहली भारतीय महिला कमला भागवत सोहोनी
- भारत की पहली अंतरराज्यीय ट्रक ड्राइवर योगिता रघुवंशी
- एविएशन कंपनी स्थापित करने वाली पहली महिला कनिका टेकरीवाल
- प्रदेश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी आशा गोपाल
- एशिया की पहली पोस्ट मास्टर जनरल सुशीला चौरसिया
- एशिया की पहली महिला ट्रक ड्राइवर पार्वती आर्य
- प्रदेश की पहली वन सेवा अधिकारी गोपा पाण्डे
- वायुसेना में प्रदेश की पहली महिला पायलट प्रिया नलगुंडवार
- रुपहले-पर्दे-पर-प्रदेश-की/
- देश की पहली महिला संतूर वादक श्रुति अधिकारी
- दूरदर्शन पर प्रदेश की पहली महिला समाचार वाचक सलमा सुल्तान
- विदेशी विश्वविद्यालय की कुलाधिपति बनने वाली देश की पहली महिला डॉ. रेणु खटोड़
- प्रसार भारती की पहली महिला अध्यक्ष मृणाल पाण्डे
- मध्यप्रदेश-की-पहली-महिला/
- देश की पहली महिला पखावज वादक चित्रांगना आगले रेशवाल
- देश की पहली ध्रुपद गायिका असगरी बाई
- दूरदर्शन की पहली महिला महानिदेशक अरुणा शर्मा
- देश की पहली महिला सुरबहार वादक अन्नपूर्णा देवी
- मध्यप्रदेश की पहली महिला सत्याग्रही सुभद्रा कुमारी चौहान
- राज्यपाल पद तक पहुँचने वाली प्रदेश की पहली महिला श्रीमती प्रभा राउ
- मध्यप्रदेश की पहली महिला उपमुख्यमंत्री जमुना देवी
- मध्यप्रदेश की पहली महिला राज्यपाल सरला ग्रेवाल
- मध्यप्रदेश की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन
- मध्यप्रदेश की पहली महिला राज्यसभा सदस्य सीता परमानंद
- देश की पहली महिला विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
- राज्यसभा की पहली महिला उपसभापति नजमा हेपतुल्ला
- मध्यप्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री उमा भारती
- मध्यप्रदेश की पहली एवं इकलौती महिला मुख्यसचिव निर्मला बुच
- लोकसभा की पहली महिला महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव