जन्म: 31 मार्च, स्थान: सागर. माता: श्रीमती वसुधा टोले, पिता: श्री कृष्णा टोले. जीवन साथी: श्री मिलिंद धामणगावकर. संतान: पुत्री -02. शिक्षा: बी.एससी. विज्ञान, बी.एड., एम.ए. (संगीत -गोल्ड मेडलिस्ट), इंदिरा कला संगीत वि.वि. खैरागढ़, संगीत प्रवीण (सिल्वर मेडलिस्ट) प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद. रानी दुर्गावती वि.वि. जबलपुर से ‘आचार्य विश्वनाथ गणपत रिंगे तनरंग जी की बंदिशों में स्वर, लय, शब्द व रस सौन्दर्य की अवधारणा’ विषय में पीएच.डी. व्यवसाय: शास्त्रीय संगीत गायिका तथा संगीत अध्यापन. करियर यात्रा: ग्यारह वर्ष की उम्र से मंच प्रस्तुतियां तथा सत्ताईस वर्षों से संगीत अध्यापन जारी. उपलब्धियां/पुरस्कार: प्रकाशन- ‘स्वराकृति’ (आचार्य तनरंग जी का सांगीतिक जीवन एवं उनकी चुनिंदा शास्त्रशुद्ध बंदिशों पर आधारित पुस्तक). दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र नागपुर द्वारा आयोजित शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान (1990), आकाशवाणी में वर्ष 1992 से 97 तक गीत-भजन की बी ग्रेड कलाकार. प्रस्तुतियां- दीवाली पहाट-भोपाल, संगीत संकल्प-भोपाल की ओर से आयोजित ‘मल्हार अंग के राग’, कुमार गंधर्व संगीत समारोह-देवास (1992), आकाशवाणी जबलपुर से बाल उत्सव में गायन, मृदंगाचार्य नाना साहेब पानसे स्मृति गुरु पूर्णिमा, बकायन (दमोह) सहित पुणे, विशाखापट्टनम, इंदौर, रायपुर, जबलपुर आदि शहरों में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां. रुचियां: संगीत अध्यापन, सांगीतिक प्रस्तुतियां, लेखन, कुकिंग. अन्य जानकारी: संगीत विरासत में प्राप्त हुआ. छ: वर्ष की आयु से पिता व गुरु श्री कृष्णा टोले जी से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत ग्वालियर घराने की तालीम हासिल हुई. पिताजी के गुरुवर आचार्य विश्वनाथ गणपत रिंगे जी जिन्हें ‘तनरंग’ उपनाम से लगभग डेढ़ सौ रागों में अठारह सौ से अधिक बंदिशों की रचना का श्रेय जाता है, उनसे भी डॉ. वीणा को समय-समय पर उनकी स्वरचित बंदिशें सीखने का अवसर प्राप्त हुआ. पता: 304-ए, अनमोल आशियाना, एकता तिराहा, विजयनगर, जबलपुर -02. ई-मेल: veena.dhamangaonkar@gmail.com