जन्म: 1 जून, स्थान: उज्जैन. माता: श्रीमती विनीता भटनागर, पिता: श्री शैलेन्द्र भटनागर, शिक्षा: बी.ई. (कम्प्यूटर साइंस) भारतीय विद्यापीठ कॉलेज पुणे. व्यवसाय: कलाकार/ विद्यार्थी एवं तीरंदाजी में निपुण. करियर यात्रा: आरुषि को बचपन से ही पेंटिंग बनाने का शौक रहा. मात्र 11 माह की उम्र में उज्जैन कालिदास अकादमी में 11 मई 2003 को प्रथम कला प्रदर्शनी. मात्र 8 वर्ष की उम्र तक 3000 से अधिक पेंटिंग्स बना चुकी थीं. भोपाल, पुणे, मुंबई, कोटा, दिल्ली, उज्जैन, इंदौर आदि स्थानों से शुरुआत. अब तक 15 से अधिक एकल और अनेक समूह प्रदर्शनियों में कलाकृतियां प्रदर्शित. पढ़ाई के साथ-साथ कला यात्रा जारी. उपलब्धियां/पुरस्कार: आरुषि को प्रथम ट्रॉफी 1 वर्ष की उम्र में राज्य स्तर की प्रतियोगिता के तहत भोपाल में मिली थी. उज्जैन की कालिदास अकादमी में 52 कलाकृतियों के साथ अपनी एकल कला प्रदर्शनी लगाने वाली ‘सबसे कम उम्र की पेशेवर कलाकार’ के रूप में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड (2003) में नाम दर्ज. विश्व की युवतम पेशेवर कलाकार होने का गौरव प्राप्त. अंतर्राष्ट्रीय बाल उत्सव में ‘चाइल्ड आर्ट क्लब’ हैदराबाद की ओर से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त. इस उपलब्धि पर सीबीएसई बोर्ड ने अपनी चौथी कक्षा की किताब में उन्हें स्थान दिया तथा बाल दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित की जा चुकी हैं. पोगो के ‘अमेज़िंग किड्स अवॉर्ड 2005 में द्वितीय स्थान तथा प्रतियोगिता में सबसे कम उम्र की प्रतियोगी, कैलीग्राफ़ी एवं तीरंदाज़ी में प्रारम्भ से ही लगातार अनेक स्वर्ण पदक प्राप्त. तीरंदाजी में स्वर्ण पदक (पूना), अमृतसर में स्वर्ण पदक, कांस्य पदक के साथ ओवरऑल ट्रॉफी भी प्राप्त की (2021). संग्रह- भारत (कोटा, दिल्ली, पूना इंदौर) सहित अमेरिका, इटली, हंगरी और दुबई तथा भारत के राष्ट्रपति की प्रतिष्ठित आर्ट गैलरी के संग्रह में उनकी कलाकृतियां संग्रहित हैं. रुचियां: चित्रकला व तीरंदाजी. अन्य जानकारी: चित्रकला के साथ ही समाज सेवा के कार्यों में भी सक्रिय, रेखांकन कला संस्थान, भोपाल के माध्यम से अपनी पेंटिंग्स बेचकर मूक-बधिर बच्चों की मदद करती हैं. एमराल्ड हाइट्स स्कूल इंदौर, की न्यू आर्ट गैलरी और शंकर्स इन्टरनेशनल एग्ज़ीबिशन का उद्घाटन करने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित. पता: 14, रेखांकन, डी मार्ट के पीछे, जहांगीराबाद, भोपाल -08.